Fascination About shiv chalisa in hindi
Fascination About shiv chalisa in hindi
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दिवाली से पहले बन रहा गुरु पुष्य योग, जानें सबसे अच्छा क्यों है?
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
लोकनाथं, शोक – शूल – निर्मूलिनं, शूलिनं मोह – तम – भूरि – भानुं ।
महाभारत काल से दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
अर्थ: हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को हर लो। आपने Shiv chaisa सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।
ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो shiv chalisa in hindi फल पाहीं॥
नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान ।
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥
कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी